Sunday, March 30, 2008

सहवाग का कारनामा

पंकज भारती, इंदौर
देश में एक से बढ़कर एक क्रिकेट खिलाड़ी हुए हैं, पर जैसा जज्बा वीरेंद्र सहवाग ने दिखाया वह काबिले तारीफ है। हाल की उनकी ३१९ रनों की आतिशी पारी उनक ी बड़ी पारियां खेलने की क्षमता ही दर्शाती है। यह सच है कि पहले सहवाग को टेस्ट मैचों की जगह एकदिनी का ही बेहतरीन खिलाड़ी माना जाता था, पर उनके टेस्ट के पचास से ऊपर के औसत और दो-दो तिहरे शतकों को देखते हुए अब यह कोई भी नहीं कह सकता कि सहवाग केवल एक दिवसीय मैचों के उपयोगी खिलाड़ी हैं। गौरतलब बात यह है कि उन्होंने हालिया तिहरा शतक ऐसे समय लगाया है जब उनके टीम में चयन को लेकर परस्पर विरोधी बातें की जा रही थीं। इस प्रदर्शन से सहवाग ने अपने विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है, जो उन्हें चुका हुआ खिलाड़ी बता रहे थे। सहवाग का फॉर्म में वापस आना देश की क्रिकेट टीम के लिए जहां एक खुशखबरी है, वहीं विपक्षी टीमों के लिए खौफ जगाने वाली बात है।

अपेक्षित रवैया

पंकज भारती, इंदौर

शिक्षा के क्षेत्र में सिर्फ पूरे प्रदेश ही नहीं देश में इंदौर का महत्वपूर्ण स्थान है। यहां के स्कूल-कॉलेजों से निकले विद्यार्थी देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं लेकिन यह जानकर आश्चर्य होता है कि सरकार के पास नए शिक्षण संस्थानों की स्थापना के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है जब वह बड़े औद्योगिक घरानों होटल, मॉल बनाने के लिए करोड़ों की जमीन उपलब्ध करा रही है। शैक्षणिक संस्थाओं के विस्तार के प्रति सरकार का रवैया व्यावसायिकता दर्शाता है। अब इंदौर में आईआईटी खुलने जा रहा है। अगर सरकार का यही उपेक्षित रवैया रहा है यहां कैसे नए शैक्षणिक संस्थान शुरू होंगे।

Saturday, March 29, 2008

जवाब नहीं ढूंढ़ पाये.....

पंकज भारती

कहें तो भारतीय समाज कितना कातर और कमजोर हो गया है, इसका एक घिनौना प्रदर्शन 20 मार्च को हुआ। महाश्वेता देवी जैसी पुण्यात्माओं के सारे निवेदनों-प्रार्थनाओं को खारिज करते हुए भारत सरकार ने तीन महीने नजरबंद रखने के बाद, बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन को रात ढाई बजे लंदन जाते जहाज में ठूंस कर देश से बाहर निकाल दिया। मुस्लिम वर्ग के कुछ लोग तसलीमा से नाराज हैं, इसलिए। कोई देश अपने आत्मसम्मान की ऐसी नीलामी बड़ी आपदा में ही करता है। मार दिये जाने के डर से तसलीमा भारत में रहने के लिए शरण मांग रही थीं। और जिस कोलकाता में वे रहना चाहती थीं, वह कोलकाता उनके लिए कोई गैर नहीं था। 60 साल पहले ही तो जिस ढाका से वे भाग कर आयीं, वह और कोलकाता एक ही सरजमीं थे। और 6000 साल भी बीत जायें तो भी कोलकाता और ढाका की मिट्टी एक ही रहने वाली है। घटनाएं और हुई हैं। म्यनमार में हाल में ही (अभी चल ही रहा है) बौद्ध भिक्षुओं की अगुवाई के जनतंत्र आंदोलन को बर्मी सेना ने गोलियों से रौंद दिया है। पश्चिम के कई देशों ने भले ही जुबान खेाली हो, पर भारत ने ऐसी चुप्पी साधी जैसे बर्मा से उसका कभी कोई नाता ही नहीं रहा हो। मलेशिया में हिंदुओं के साथ जो अत्याचार हुए और अभी भी हो रहे हैं, उन पर भी हमारी कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं हुई। और तो और, तिब्बत में चीन अभी जो हाहाकार मचा रहा है, उस पर भी हम यह सनद पाकर झूम उठे हैं कि चीन ने हमें दलाई लामा के गिरोह का हिस्सा नहीं माना है। श्रीलंका के अंदरूनी संघर्ष पर आज तक हमारी कोई दो टूक राय नहीं बन पायी। बित्ता भर के मालदीव में भी राजनीतिक दल क्यों निर्वसन झेल रहे हैं, और वहां भी इस्लामी कट्टरता कैसे आतंकवाद में बदल गई, इसका भी हम कोई जवाब नहीं ढूंढ़ पाये

Monday, March 17, 2008

साहसिक कदम उठाना होगा

पंकज भारती , इंदौर

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख द्वारा जो क्षेत्रवाद का जहर फैलाया जा रहा है वह देश के लिए घातक है। संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत सभी नागरिकों को स्वतंत्रता का मूल अधिकार है । भारतीय नागरिक देश में कहीं भी रह सकता है, कहीं भी काम-धंधा, व्यापार-व्यवसाय कर सकता है। इसी तरह धर्म, वंश जाति, जन्मस्थान आदि के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव निषिद्ध है। इसके मद्देनजर सेना द्वारा किया जा रहा भेदभाव असंवैधानिक है। सेना प्रमुख राज ठाकरे उत्तरभारतीयों को महाराष्ट्र छोड़ने के लिए बाध्य कर रहे हैं। अपने इरादों को अंजाम देने के लिए उनके समर्थक हिंसा का सहारा ले रहे हैं। यह देश को तोड़ने का कुत्सित प्रयास है। ऐसी भावना अन्य क्षेत्रों में भी बलवती हो सकती है जिससे देश का ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो जाएगा। विघटनकारी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा। सरकार को कोई ढील-पोल नहीं बरतना चाहिए, चाहे वोट बैंक छिटक जाए या सरकार गिर जाए। देश से बड़ा कुछ नहीं है। केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को साहसिक कदम उठाना ही होगा।

Sunday, March 2, 2008

भारत विरुद्ध इंडिया...

पंकज भारती
गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे भारत के किसान की सुध आखिर केंद्र सरकार ने अब ली है। किसान को न फसल का उचित मूल्य मिल रहा था और न ही खाद और बीज। जब किसान आत्महत्या तक को मजबूर हो, ऐसे कठिन समय में साठ हजार करोड़ के कर्ज माफ करना उसके लिए राहत की बात है। मौसम की बेरुखी, घटते पूंजी-निवेश और मुख्य फसलों की पैदावार में गिरावट को कृषि क्षेत्र की बदहाली की वजह माना जा रहा है। लागत की अधिकता और मुनाफे में कमी के कारण भी लोग इस क्षेत्र से अलग हो रहे हैं। आर्थिक विकास दर भले ही पौने नौ फीसदी हो, लेकिन अभी भी देश की तीस करोड़ आबादी के पास दिनभर के लिए मात्र 12 रुपए हैं।

देश मुख्यत: दो भागों में बंट गया है- इंडिया(अमीर) और भारत(गरीब)। इंडिया में 535 परिवार ऐसे हैं जिनके पास सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति है। बेरोजगारी फिर भी बढ़ रही है क्योंकि इंडिया और अमीर होता जा रहा है तथा भारत अभी भी गरीब है। खाद्य वस्तुएं दिन प्रतिदिन महंगी होती जा रही हैं। क्या इंडिया और भारत कभी बराबर हो पाएंगे?

सचिन दा जवाब नहीं

पंकज भारती , इंदौर

ऑस्ट्रेलिया में सचिन पूर्व के कुछ मैचों में अपनी लय नहीं पकड़ पाए, तो आलोचकों की जबान उनके बारे में अनाप-शनाप कहने लगीं। सचिन खामोश रहे। हमेशा उन्हें ब्रेडमैन की उपमा देने वाला मीडिया भी सचिन पर तमाम तोहमतें लगाने से नहीं चूका। यही नहीं महेंद्रसिंह धोनी की बातों को भी तोड़-मरोड़कर मीडिया ने पेश किया। एक कप्तान होने के नाते धोनी का सचिन को चेताना जरूरी था, लेकिन दूसरे लोगों ने सचिन पर सिर्फ तोहमतें लगाईं।

इतना सब सुनने के बाद भी सचिन की महानता सिद्ध हुई, उन्होंने बाद के दो मैंचों में लोगों की आलोचनाओं का जवाब अपने बल्ले से दिया। पहले श्रीलंका को धूल चटाने में अहम भूमिका निभाई और सिडनी में हुए पहले फायनल मुकाबले में सैंकड़ा ठोककर कंगारूओं को ही नहीं, दुनिया को जता दिया कि यह शेर अभी बूढ़ा नहीं हुआ। सचिन क्रिकेट खेलें या न खेलें लेकिन दुनिया उनकी सहनशीलता से सबक जरूर लेती रहेगी।

सचिन देश और दुनिया के तमाम युवाओं के लिए आदर्श हैं। सिडनी से पूर्व भी सचिन की महानता कई बार देखने को मिली है। शतक बनाने के बाद भी शांति से ईश्वर का धन्यवाद देना और अगली बॉल को फिर उसी तरह से खेलना जैसे कुछ उपलब्ध ही नहीं किया हमें यह भी सिखाता है कि पुरानी सफलता को विस्मृत कर व्यक्ति को नए कीर्तिमान पर ध्यान देना चाहिए और इसी सिद्धांत पर चलते हुए वे कई रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करवा चुके हैं। वाकई सचिन एक जेंटलमैन क्रिकेट प्लेयर और महान व्यक्तित्व हैं।