
पंकज भारती, इंदौर
ब्रिटेन से 190 साल (1757 से 1947) की लंबी गुलामी के बाद हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद व 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र बना। क्षेत्रफल की दृष्टी से विश्व में सातवां, जनसंख्या में दूसरा व जनसंख्या धनत्व के अनुसार विश्व में प्रथम स्थान हमारा है। 28 राज्यों व 7 केंद्र शासित प्रदेशों के साथ हमारा लोकतंत्र विश्व में सबसे बड़ा माना जाता है। हमारा देश संपूर्ण विश्व के केवल 2.4 प्रतिशत क्षेत्रफल के साथ विश्व जनसंख्या के 17 % भाग को शरण प्रदान करता है। आजादी के समय हम 36 करोड़ थे जबकि आज हम 100 करोड़ के पार है। हमारे देश के 7 कम आय वाले राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में देश की आधे से अधिक जनसंख्या निवास करती है। इन सबके बावजूद आज हम प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर हैं, हालांकि बहुत बार हमारी प्रगति के पथ में दुशमनों द्वारा रोड़े अटकाने के प्रयास किए गए लेकिन हम निरंतर अग्रसर है।
हमने अपनी जन्म दर को जो आजादी के समय 40 बच्चे प्रति 1000 व्यक्ति थी उसे नियंत्रित करके आज 22.22 पर ले आंए हैं। वहीं मृत्यु दर भी 27 से घटाकर 6.4 पर आ पहुंची है। अच्छे खान-पान व स्वास्थय के चलते हमारी औसत आयू आज 69.89 वर्ष है जबकि देश की आजादी के समय यह मात्र 37.2 साल थी। यह देश में डॉक्टरों की बढ़ती संख्या से संभव हुआ है। 1950 में 61000 डॉक्टरों व 18500 नर्सो के मुकाबले आज देश में 10 लाख से अधिक डॉक्टर व 12 लाख नर्सें अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है। हम पूर्ण साक्षरता की ओर भी तेजी से बढ़ रहे है। 1947 के 12 प्रतिशत साक्षर व्यक्तियों के मुकाबले आज देश के 67 प्रतिशत लोग साक्षर है।
देश की अर्थव्यवस्था विश्व की पन्द्रह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। 1991 से भारत में बहुत तेज आर्थिक प्रगति हुई है जब से उदारीकरण और आर्थिक सुधार की नीति लागू की गई है। वर्तमान में भारत विश्व की एक आर्थिक महाशक्ति के रुप में उभरकर आया है। सुधारों से पूर्व मुख्य रुप से भारतीय उद्योगों और व्यापार पर सरकारी नियंत्रण का बोलबाला था और सुधार लागू करने से पूर्व इसका जोरदार विरोध भी हुआ परंतु आर्थिक सुधारों के अच्छे परिणाम सामने आने से विरोध काफी हद तक कम हुआ है। हलाकि मूलभूत ढाँचे में तेज प्रगति न होने से एक बड़ा तबका अब भी नाखुश है और एक बड़ा हिस्सा इन सुधारों से अभी भी लाभान्वित नहीं हुआ हैं। 50 साल पार के कुछ लोग मुझसे कहते है कि आज की युवा पीढ़ी में देशप्रेम की भावना नहीं है...फलाना-फलाना....लेकिन मेरा यह मानना है कि आज की युवा जनरेशन भी उतनी ही देशभक्त है जितनी हमारे पूर्वज थे। हालांकि अब देश प्रेम की भावना को व्यक्त करने का तरीका बदल गया है लेकिन उसमे कमी नहीं आई है। आजादी की आप सब को बहुत-बहुत बधाई वंदे मातरम।
2 comments:
सुन्दर प्रस्तुति...
स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं.
बहुत सुन्दर...!!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!!
http://iisanuii.blogspot.com/2010/08/blog-post_15.html
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