Sunday, January 21, 2018

किसी ने नहीं खरीदी 'पद्मावत'...अब पुलिस की सुरक्षा पर तय होगा कि फिल्म लगेगी या नहीं

इंदौर सहित, मप्र, राजस्थान, छग और महाराष्ट्र के 16 जिलों के लिए पद्मावत को डिस्ट्रीब्यूटर ही नहीं मिला...फिल्म का प्रदर्शन अधर में...
सिनेमाघरों के बजाय टेलिविजन पर प्रदर्शित हो सकती है फिल्म....
पंकज भारती, इंदौर।
18 जनवरी 2018
सुप्रिम कोर्ट ने भले ही अपने आदेश में 25 जनवरी से देश भर के सिनेमाघरों में फिल्म पद्मावत को प्रदर्शित करने की बात कही हो लेकिन वास्तविकता तो यह है कि करणी सेना की धमकियों के चलते इंदौर के लिए किसी भी डिस्ट्रीब्यूटर ने इस फिल्म को खरीदा ही नहीं है। इंदौर तो इंदौर अब तक सेंट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन (सीसीसीए) के तहत आने वाले मप्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र के विदर्भ और खानदेश के 16 जिलों में फिल्म प्रदर्शन करने के लिए कोई डिस्ट्रीब्यूटर नहीं मिला है। सीसीसीए के अनुसार फिल्म विवाद और असुरक्षा को देखते हुए कोई भी बड़ा डिस्ट्रीब्यूटर रिस्क नहीं लेना चाहता। विवाद से पहले जयपुर के डिस्ट्रीब्यूटर  मरुदर फिल्म्स ने पद्मावती फिल्म की डिस्ट्रीब्यूटरशीप सीसीसीए के लिए ली थी लेकिन बाद में विवाद बढ़ गया और फिल्म का प्रदर्शन भी टल गया जिसके चलते मरुदर फिल्म्स ने डिस्ट्रीब्यूटरशिप वापस कर दी। फिलहाल इस फिल्म के लिए कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर नहीं है। सीसीसीए का कहना है कि यदि पुलिस प्रशासन द्वारा फिल्म वितरकों और सिनोघरों को पूरी सुरक्षा प्रदान करती है तो ही इस फिल्म का प्रदर्शन संभव हो सकेगा। अब यह पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर तय होगा की इस फिल्म का प्रदर्शन इंदौर सहित सीसीसीए में हो सकेगा अथावा नहीं।

सिनेमाघर भी तैयार नहीं...
इंदौर के सभी सिंगल स्क्रीन और मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों में से फिलहाल कोई भी पद्मावत के प्रदर्शन के लिए तैयार नहीं है। सिनेमाघर संचालकों का कहना है कि जिस प्रकार से करणी सेना द्वारा सुप्रिम कोर्ट के आदेश के बाद भी फिल्म का प्रदर्शन रोकने की धमकी दी जा रही है उसे देखते हुए कोई भी सिनेमाघर रिस्क नहीं लेना चाहता। यदि किसी सिनेमाघर ने फिल्म लगा भी दी और विरोधियों ने कोई हंगामा या सिनेमाघर में तोड़फोड़ कर दी तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। इसे देखते हुए फिलहाल कोई भी सिनेमाघर संचालक अपना नुकसान नहीं कराना चाहता।


सोमवार तक पुलिस दे सुरक्षा की गारंटी तो कुछ सोचे
सीसीसीए के पदाधिकारियों का कहना है कि शनिवार को एसोसिएशन द्वारा पुलिस प्रशासन को ज्ञापन देकर फिल्म प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की पूरी गारंटी मांगी जाएगी। यदि पुलिस सुरक्षा की गारंटी देती है तब ही पद्मावत के प्रदर्शन को लेकर विचार किया जाएगा। फिलहाल तो फिल्म प्रदर्शित होती दिखाई नहीं दे रही है।

बाहुबली जितना कारोबार की उम्मीद
फिलहाल तो फिल्म का प्रदर्शन अधर में दिख रहा है इसके बावजूद फिल्म जानकारों का कहना है कि यदि फिल्म का प्रदर्शन होता है तो यह बाहुबली-2 के बराबर कारोबार कर सकती है। सीसीसीए के अनुसार बाहुबली-2 ने सिर्फ इंदौर में ही 15 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की थी। वहीं टाइगर जिंदा है ने 9 करोड़ रुपए और गोलमाल अगेन ने 7 करोड़ रुपए का कारोबार किया था।

सीधी बात : जय प्रकाश चौकसे, अध्यक्ष, सेंट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन
प्रशन :  पद्मावत फिल्म के प्रदर्शन को लेकर क्या स्थिती है?
- हमने यह तय किया है कि पुलिस प्रशासन को ज्ञापन देंगे कि हमारी सुरक्षा की व्यवस्था करने की कृपा करें अब फिल्म का प्रदर्शन इस बात पर निर्भर करता है कि वह सुरक्षा देते हैं या नहीं।

प्रशन : तो क्या यह फिल्म मप्र में रीलीज होगी या नहीं?
- अभी आप गौर से देखिए कि करणी सेना के लोग सुप्रिम कोर्ट के आदेश के बाद भी बयान दे रहे है, इन लोगों ने असंवैधानिक बायान दिए है इनकों कोई भी राज्य की पुलिस पकड़ नहीं रहीं है। करणी सेना वालों को ऐसा लगता है कि सरकार का अपरोक्ष रूप से इन लोगों को संरक्षण प्राप्त है।

प्रशन : फिर क्या आम जनता फिल्म नहीं देख पाएगी?
- मुझे लगता है कि ऐसे समय ऋषी कपूर का सुझाव सबसे बेहतर लगता है। उन्होंने संजय लीला भंसाली को मैसेज कर सुझाव दिया है कि फिल्म को टेलिविजन के माध्यम से दिखाया जाए। जिसे फिल्म देखना है वह अपनी सुविधाअनुसार और पूरी सुरक्षा के साथ घर पर बैठकर ही फिल्म देख लेगा। ओवर सीज में फिलम को लेकर इतनी जिज्ञासा बढ़ गई है कि 50 करोड़ से अधिक का कारोबार वहां हो जाएगा। वहीं टेलिविजन पर ही लगभग 200 करोड़ रुपए की कमाई विज्ञापन और अन्य माध्यम से हो जाएगी। ऐसा करने से एक नया मंच भी खुल जाएगा।

प्रशन : यदि फिल्म प्रदर्शित होती है तो कितना कारोबार करेगी?
- फिल्म कितना कारोबार करेगी इसका आकलन इसलिए नहीं किया जा सकता क्योंकि अभी यहीं नहीं पता है कि यह फिल्म कितने शहरों में लगेगी और कितने थिएटर में चल सकेगी। क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं उन पर हमला नहीं हो जाए।

- सुप्रिम कोर्ट ने तो फिल्म रीलिज करने का आदेश दिया है लेकिन हम पीवीआर और सिनेमाघर वालों से हाथ जोड़कर निवेदन करेंगे कि वह फिल्म ना लगाए। - रघुनंदन सिंह परमार, प्रदेश संरक्षक, करणी सेना

फिलहाल इस फिल्म के लिए कोई भी डिस्ट्रीब्यूटर नहीं है। सोमवार तक स्थिति साफ होने के बाद ही कुछ निर्णय लिया जा सकेगा। जयपूर के डिस्ट्रीब्यूटर मरुदर फिल्मस ने विवाद से पहले सीसीसीए में फिल्म की डिस्ट्रीब्यूटर शीप ली थी लेकिन विवाद बढ़ गया और फिल्म का प्रदर्शन भी टल गया जिसके चलते डिस्ट्रीब्यूटरशीप वापस कर दी।  यदि सोमवार को स्थिती क्लियर होती है तो फिल्म की डिस्ट्रीब्यूटरशिप एक दिन में ली जा सकती है। - बसंत लढ्ढ़ा, डायरेक्टर, सेंट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन

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