Thursday, April 24, 2008

वायदा कारोबार पर प्रतिबंध अनुचित

पंकज भारती.
खाद्य उत्पादों के भावों में लगी आग के लिए इसमें जारी वायदा कारोबार को देष देना बिलकुल अनुचित है। कमोडिटी के भावों में जारी वर्तमान तेजी वायदा कारोबार के कारण नहीं बल्की इन खाद्य पदार्थो के उत्पादन में आयी कमी के कारण है। वायदा कारोबार से तेा किसानों को फायदा ही पहुंचता है, उन्हें इसके माध्यम से यह तो पता चल ही जाता है कि उनकी फसल को कारोबारी किस भाव पर लेना चाह रहे है या उस फसल का वायदा कारोबार में क्या भाव चल रहा है जिससे वह उसे उचित कीमत पर हाजिर बाजार में बेंच सके। वायदा कारोबार से किसान जागरुक हुआ है अब वह अपनी फसल औने पौने दाम पर व्यापारियों को नहीं बेचता।
वायदा कारोबार के प्रभाव के अध्यन के लिए जिस सेन कमेटी की रिपोर्ट का सरकार इंतजार कर रही है उसी के सदस्यों के द्वारा किए गए स्टडी के अनुसार फ्यूचर ट्रेडिंग और खुदरा भावों में कोई रिश्ता नहीं है। कमेटी के अधिकांश सदस्यों की राय तो यह है कि गेहूं , चावल, अरहर और उडद के वायदा कारोबार पर लगी रोक हटानी चाहिए। तथा किसानों को वायदा कारोबार से ज्यादा से ज्यादा जोडा जाए ताकि कमोडिटी एक्सचेंजों के जरिए उन्हंे फसल के अच्ठे दाम मिल सके।
मौजूदा वायदा कारोबार में एक्सचेंज पर सबसे छोटा कांट्रेक्ट 10 टन का होता है। इसे सरकार और छोटा आकार दे सकती है जिससे छोटे किसान भी एक्सचेंज पर फसल बेंच सके। महंगाई के नाम पर वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाना अनुचित रहेगा। वैसे सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए पिछले साल गेहूं सहित कुछ दालों व चावल के वायदा कारोबार पर रोक लागाई थी , लेकिन पिछले एक साल में तुअर दाल और चावल महंगे ही हुए है। गेहूं की कीमते भी बढ़ी है। हां उडद दाल जरुर थोडी सस्ती हुई है। अगर वायरा कारोबार से भाव चढ़ते तो चीनी के भाव भी चढ़ने चाहिए थे क्योंकि इसमें वायदा कारोबार चालू है। इसी प्रकार खाद्य तेलो के वायदा कारोबार को रोकने से इसकी कीमतोंे पर कोई प्रभाव पडने वाला नही है। क्योंकि देश में खाद्य तेलो की कुल मांग के आधे से अधिक हिस्से की आपूर्ति आयातित तेलो से होती है। वैसे भी घरेलू बाजार में पॉम तेल की कीमते मलेशिया व सोया तेल के भाव अमेरिका से प्रभावित रहते है।
फिलहाल अगर जरूरी चीजो के वायदा कारोबार पर रोक लगाई जाती है तो एक्सचेंज का कारोबार घटकर आधा रह सकता है। क्योंकि कमोडिटी एक्सचेंजों के कारोबार में चीनी, चना, सोयाबीन और रिफांइड सोया के साथ ही मक्का की खासी हिस्सेदारी है।
पंकज भारती. 09892403516

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