Monday, March 17, 2008

साहसिक कदम उठाना होगा

पंकज भारती , इंदौर

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख द्वारा जो क्षेत्रवाद का जहर फैलाया जा रहा है वह देश के लिए घातक है। संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत सभी नागरिकों को स्वतंत्रता का मूल अधिकार है । भारतीय नागरिक देश में कहीं भी रह सकता है, कहीं भी काम-धंधा, व्यापार-व्यवसाय कर सकता है। इसी तरह धर्म, वंश जाति, जन्मस्थान आदि के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव निषिद्ध है। इसके मद्देनजर सेना द्वारा किया जा रहा भेदभाव असंवैधानिक है। सेना प्रमुख राज ठाकरे उत्तरभारतीयों को महाराष्ट्र छोड़ने के लिए बाध्य कर रहे हैं। अपने इरादों को अंजाम देने के लिए उनके समर्थक हिंसा का सहारा ले रहे हैं। यह देश को तोड़ने का कुत्सित प्रयास है। ऐसी भावना अन्य क्षेत्रों में भी बलवती हो सकती है जिससे देश का ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो जाएगा। विघटनकारी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा। सरकार को कोई ढील-पोल नहीं बरतना चाहिए, चाहे वोट बैंक छिटक जाए या सरकार गिर जाए। देश से बड़ा कुछ नहीं है। केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को साहसिक कदम उठाना ही होगा।

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