Friday, November 16, 2007

सचिन:नर्वस नाइंटीज का शिकार

क्या बात है.... कुछ समझ नही आ रहा है कि सचिन तेंदुलकर क्यो बार बार नर्वस नाइंटीज का शिकार होते जा रहे है !!!!!!! मेरे ख्याल से अगर वह अपने कैरियर में नर्वस नाइंटीज का शिकार नहीं होते तो शायद अब तक तो वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का सैकड़ा जमा चुके होते। मास्टर ब्लास्टर जब ग्वालियर में पाकिस्तान के खिलाफ चौथे एक दिवसीय में 97 रन पर आउट हुए तो वह टेस्ट और वनडे में कुल मिलाकर 23वीं बार नर्वस नाइंटीज का शिकार हुए, हद तो यह है कि चालू सत्र में ही सचिन सात बार (छह बार वनडे और एक बार टेस्ट) अपनी सेंचुरी के इतने करीब आ कर भी उसे चूम नही सके ।
शायद आप जानते होंगे कि अब तक कुल 78 शतक (41 वनडे और 37 टेस्ट) जमा चुके तेंदुलकर वनडे में 16 बार और टेस्ट मैच में सात बार नाइंटीज पर आउट हुए हैं। वह जिन मैचों में नर्वस नाइंटीज का शिकार हुए अगर उन पारियों में शतक बन लेते तो अब तक उनके कुल शतकों की संख्या 101 हो सकती थी। भारत ने पाकिस्तान को चौथे वनडे में छह विकेट से हराकर घरेलू धरती पर 24 साल के बाद सीरीज जीतने के सचिन ने कहा, क्रिकेट में ऐसा होता ही रहता है , लगता है कि मैं नाइंटीज पर आउट होने की आदत का शिकार हो रहा हूं लेकिन मेरे लिए जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है वह है भारत की जीत।
वडोदरा में जनवरी में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना 41वां शतक जमाने वाले सचिन के लिए 42वां शतक बनाना कुछ अपशकुन बनता जा रहा है। इस साल वह 19 मैचों में छह बार एक दिवसीय में नर्वस नाइंटीज पर आउट हुए और पाकिस्तान के खिलाफ मौजूदा सीरीज में तो उनके साथ दूसरी बार ऐसा हुआ। वह तीन बार एक रन से शतक बनाने से चूके saala... यह भी एक record है। तेंदुलकर के साथ एक दिवसीय कैरियर की शुरुआत में भी इसी तरह की समस्या पैदा हुई थी जब उनको अपना पहला शतक बनाने के लिए 79 मैच और पांच साल तक इंतजार करना पड़ा था लेकिन श्रीलंका में हुई सिंगर विश्व सीरीज में आस्ट्रेलिया के खिलाफ एक बार शतक जमाने के बाद सचिन ने फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा। एक बार फिर वहीं समस्या उनके साथ अब भी आ रही है। आइये देखते है कि सचिन कब इस चक्रव्यूह को तोड पाते है।

1 comment:

Siddharth Jain said...

Hy pankaj,this is siddharth Jain.Meina google mein search kiya "pankaj bharati from indore" and your blogs comes in.Good Blog