Friday, January 11, 2008

क्या हे 12 जनवरी को ?

पंकज भारती
रोज डे, चाकलेट डे, ब्लेक एंड व्हाईट डे के साथ ही वेलेंटाईन डे और फ्रेंडशिप डे जैसे ना जाने कितने डे है जिनका प्रचलन आज कल बड़ी तेजी के साथ फैल रहा है, विशेषकर हमारी नैजवान पीढ़ी में इन विभिन्न प्राकर के दिवसों को सेलिब्रेट करने का क्रेज काफी अधिक है।
वैसे देखा जाए तो संपूर्ण विव्श्र में प्रत्येक दिन कोई ना कोई दिवस अवश्य मनाया जाता है। भारत भी इसी राह पर चल रहा है इसमें कोई गलत बात नहीं है, लेकिन खेद की बात यह है कि आज की युवा पीढ़ी भारतीय दिवसों के बार में लगभग अज्ञानता की स्थिती में है। यदि युवाओं से पूछा जाए की 12 जनवरी को कौन सा दिवस मनाया जाता है तो 50 फीसदी लोग सर खुजाने लगते है। एैसे कितने लोग हैं जो यह जानते है कि स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस 12 जनवरी राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है । बाजारीकरण के इस दौर में इन विभिन्न दिवसों पर जिनमें से अधिकांश तो पश्चिम की देन हैं को भुनाने के लिए कंपनियां तरह तरह के उपहार व कार्ड बाजार में उतारती है व उनका इस प्राकार से प्रचार करती है कि इन दिवसों को मनाए बिना युवाओं का अस्तित्व ही खतर में पड़ जाएगा। आज के युवा इन दिनों के महत्व को समझने की जहमत नहीं उठाते और आसानी से बाजारीकरण की भेंट चढ़ जाते है।
गुलाम हिंद के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक ओर नैतिक उत्थान के लिए भागीरथ प्रयास करने वाले स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 के दिन बंगाल में हुआ था । उनहोने अपने 39 वर्ष के जीवन काल में भारत के युवांओ को एक सच्ची राह दिखाई । उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक है जितने उनके जीवन काल में थे। उनका मानना था कि युवा ही देश को प्रगति की राह पर अग्रसर करेंगे।
उन्होनें युवाओं का आह्वान करते हुए कहा था कि वे राम नाम की माला जपने के बदले व्यायाम व खेल-कूद के द्वारा अपने शरीर को शक्तिशाली बनाएं ताकी वे हिंदुस्तान को जल्द से जल्द आजाद करवा सकें। उनके ओजस्वी विचारों ने अनेक राष्ट्रवादीयों, समाजसुधारक और सामाजिक कार्यकारों को प्रेरणा दी।
लेकिन देश की आजादी के पश्चात नेताओं ने देश भावना का त्याग कर लोगों के अंदर भेदभाव और जातिवाद का जहर भर दिया। जिसके कारण भारत का युवा धन भ्रमित हो गया। आज देश को एक स्वामी विवेकानंद की सख्त जरुरत है जो देश की युवा शक्ति को सही दिशा में ले जाए।
आज का युवा अपने कायरें को सही दिशा देकर अपना व अपने राष्ट्र दोनों का नाम रोशन कर रहा है। राजनीति हो या खेल आज देश के युवा हर क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान अदा कर रहा है। राहुल गांधी, सचिन तेंडुलकर, महेन्द्रसिंह धोनी,चेतन भगत, सानिया मिर्जा, विव्श्रनाथन आनंद, लिएंडर पेस और नारायण कार्तिकेयन जैसे न जाने कितने युवा अपनी क्षमता का प्रमाण प्रस्तुत कर रहे हैं।

1 comment:

Ashish Maharishi said...

दोस्‍त लिखना जारी रखें