Saturday, January 19, 2008

चचचचचचचचचचचचक .... दिया

टीम इंडिया ने दिया मुंह तोड़ जवाब

पंकज भारती
पर्थ में हुई 'सदाचार और दूराचार की जंग' में अंतत: भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 72 रन से हरा कर उसका गुरूर चकनाचूर कर दिया। वाका की उछाल भरी गेंदपट्टी पर अनिल कुंबले की बेहतरीन कप्तानी व जोश और उत्साह से भरपुर युवाओं की घातक गेंदबाजी के आगे कंगारू घुटने टेकने को बाध्य हो गए।

सिडनी में खराब अंपायरिंग व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के खेल भावना के विपरीत व्यवहार को झेल चुकी टीम इंडिया ने जीत की जिद्द के साथ खेलते हुए पर्थ में तिरंगा तो फहराया ही साथ ही साथ आस्ट्रेलिया के लगातार 17 टेस्ट जीतने का सपना भी तोड़ डाला। ऑस्ट्रेलियाई धरती पर भारत की यह पांचवीं टेस्ट जीत है। टीम इंडिया की जीत में इरफान पठान का ऑलराउंड प्रदर्शन उल्लेखनीय है।

टीम की जीत का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि मेलबर्न व सिडनी टेस्ट दोनों टेस्ट में आस्ट्रेलिया टीम ने स्लेजिंग के जरीए ही विजय हासिल करी थी और यहां भी वह लगातार स्लेजिंग के जरिए टीम इंडिया पर दबाव बना रही थी। वहीं हरभजन सिंह पर नस्लभेद की तलवार लटकने के बावजूद भारतीय टीम ने एकजुट होकर खेली व विजय श्री प्राप्त करी।

दूसरी ओर भारतीय कप्तान अनिल कुंबल ने ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर ब्रेड हॉग पर अभद्रता का आरोप भी सोची समझी रणनीति के तहत वापस ले लिया जिसका नैतिक दबाव पर्थ में कंगारुओं के व्यवहार पर साफ दिखाई दिया।

1 comment:

sarvesh said...

guru ...bahut achcha hai...
ishwar aapki sport editor banane ki lalsa puri kare.